उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर लगी रोक
- Arshad Madani
- Jul 10
- 2 min read
उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर लगी रोक

"उदयपुर फाइल्स" मामला
दिल्ली हाई कोर्ट ने 'उदयपुर फाइल्स' फिल्म की रिलीज़ पर स्टे लगाया
कार्रवाई बहुत उत्साहजनक है; हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं: मौलाना अरशद मदनी
नई दिल्ली: 10 जुलाई 2025
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष, मौलाना अरशद मदनी ने आज अदालत की कार्यवाही का स्वागत किया और संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हम अंतिम निर्णय का इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन दिनभर की सुनवाई के बाद जो नतीजा सामने आया, वह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि आपत्तिजनक दृश्य हटाए जाने के बावजूद फिल्म में अब भी ऐसा सीन मौजूद है जो हमारे समाज में नफरत का ज़हर फैला सकता है।”
मौलाना मदनी ने आगे कहा, “फिल्म की स्क्रीनिंग पर स्टे और अदालत के अन्य आदेशों ने संविधान की सर्वोच्चता को मज़बूत किया है। यह एक स्पष्ट संदेश भी देता है कि कला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कोई भी व्यक्ति संवैधानिक और नैतिक सीमाओं का उल्लंघन नहीं कर सकता।”
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में कुछ और आपत्तिजनक फ़िल्में भी बनी हैं, लेकिन वे इतनी घिनौनी नहीं थीं। इस फ़िल्म में एक हत्या की घटना की आड़ में एक पूरे समुदाय को इस तरह कठघरे में खड़ा किया गया है मानो वे अपराधी हों। इसीलिए हमने इस मामले को अदालत में ले जाने का फ़ैसला किया। हमें खुशी है कि हमारी कोशिशें कामयाब रहीं, और हमें पूरा विश्वास है कि इंशाल्लाह अंतिम फ़ैसला भी हमारे पक्ष में ही होगा। यह फ़ैसला सिर्फ़ फ़िल्म पर रोक नहीं है, बल्कि सांप्रदायिक तत्वों के इरादों और एजेंडे पर एक रोक है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे वकीलों, विशेषकर देश के सबसे प्रतिष्ठित वकीलों में से एक, श्री कपिल सिब्बल ने अदालत को सफलतापूर्वक यह बताया की यह फिल्म देश के बहुलवादी समाज के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है।
मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि इस फिल्म के बारे में लिया गया फैसला भविष्य के लिए भी एक नज़ीर माना जाएगा और अन्य फिल्म निर्माताओं को भी एक बड़ा सबक मिलेगा जो फिरकापरस्त ताकतों को खुश करने की नापाक मंशा से ऐसी फिल्में बनाकर देश की शांति, एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करते हैं।
.........
Comments