हमास के लोग स्वतंत्रता सेनानी, इसराइल को हार का सामना करना पड़ेगा।
इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। इजराइल पर 7 अक्टूबर को हुए हमास के खौफनाक हमले के बाद इजराइल ने गाजा में हमास के ठिकानों पर जोरदार प्रहार किया है। इजराइल ने पहले एयर स्ट्राइक और फिर जमीनी हमलों से हमास के कई ठिकानों को नष्ट कर दिया है। वहीं इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में गाजा के लोगों की मौत भी हुई है। इन सबके बीच जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष और मुस्लिम वर्ल्ड लीग के मेंबर मौलाना अरशद मदनी का बड़ा बयान सामने आया है।
जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अपने बयान में कहा है कि 'हम हमास को आतंकवादी नहीं बल्कि स्वतंत्रता सेनानी मानते हैं, जो अपने देश की आजादी की लड़ाई लड़ रहा है। मदनी ने कहा कि 'फिलिस्तीन के हजारों बच्चे और महिलाएं शहीद हो चुके हैं। हो सकता है एक बड़ी कीमत फिलिस्तीन को चुकानी पड़े, लेकिन फिलिस्तीन आजाद होकर रहेगा।
इजराइल को हार का सामना करना पड़ेगा'
मौलाना मदनी ने अमेरिका और यूरोपीय देशों की ओर इशारा करते हुए कहा कि 'इजराइल के साथ भले दुनिया की बड़ी ताकतें हों, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ेगा।' उन्होंने कहा कि 'जो लोग हमास को आतंकवादी कहते है उन्हे इतिहास देखना चाहिए। 70 सालों से जो जुल्म हो रहा है। इजराइल उस सबका भुगतान करेगा।
'पीएम मोदी को गांधी और नेहरू की नीति अपनाना चाहिए'
जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने आगे कहा कि 'पीएम नरेंद्र मोदी ने जो ट्वीट हमास के हमले के बाद किया, उसे हम सही नहीं मानते। हालांकि बाद में उन्हें एहसास हुआ कि ठीक नहीं हुआ और उन्होंने फिलिस्तीन को लेकर भी बाते कहीं। मौलाना मदनी ने कहा कि 'भारत बड़ा देश है और इस मामले में अपना अहम रोल अदा कर सकता है। पीएम को वही नीति अपनानी चाहिए जो महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू अपनाई थी।
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